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Thursday, December 29, 2011

गीता के दूसरे अध्याय में १८ से ३१ श्लोकों में वेदों के आधार पर कहा गया है की आत्मा अविवाशी है. देह बुढ़ापा या किसी भी कारणों से नष्ट होती ही है-ऐसा वर्णन किया गया है. थोड़ी देर के लिए ऐसे विचार करके देखें. ह्त्या के केस में वकील जज से कहे की जज साहब? आत्मा अविनाशी है इसीलिए आप हत्यारे को सजा क्यों देते हैं? अगर ऐसे प्रशन वकील जज से पूछे तो इसका क्या जवाब मिलेगा?- डॉ. बीआर अम्बेडकर, २४ नवम्बर,१९४४ पुणे में गीता पर भाषण

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